जस्टिस चंद्रचूड़ की मुश्किलें बढ़ी। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा रशीद खान पठान की शिकायत पर कारवाई का आदेश।

  •  राष्ट्रपतिजी ने चापलूस बार एसोसिएशन की मांग ठुकराई।
  • जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने बेटे से सम्बंधित मामले में एक महीना पहले 9 सितंबर और कल 10 अक्टूबर 2022 को फिर पारित किया आदेश। 
  • सुप्रीम कोर्ट बार, बार कौंसिल और बॉम्बे बार की विश्वसनीयता पर उठे सवाल।
  • चापलूसी करने के चक्कर में कुछ बार एसोसिएशन सदस्यों ने किया था जस्टिस चंद्रचूड़ का समर्थन।
  • रशीद खान पठान के समर्थन में कई बार एसोसिएशन.
  • बार कौंसिल के चापलूस ऍड. मनन मिश्रा, बॉम्बे बार के ऍड. नितिन ठक्कर की सभी तरफ से निंदा। 

नई दिल्ली :-  श्री. आर. के. पठान द्वारा जस्टिस चंद्रचूड़ के खिलाफ दायर शिकायत 5 अक्टूबर 2022  को मा. राष्ट्रपति के पास दर्ज हो गयी और उसकी चर्चा सारे देश में होने लगी तब बार के कुछ चापलूस सदस्यों ने पत्र जारी कर रशीद खान की शिकायत न सुनने की मांग की थी जिसे माननीय राष्ट्रपति ने ठुकरा दिया और शिकायत का संज्ञान लेते हुए उस पर करवाई करने तथा की गयी करवाई के बारे में शिकायत करता को अवगत करने का आदेश केंद्र के लॉ एंड जस्टिस विभाग के सचिव को दिया है। 

Link:- https://drive.google.com/file/d/1xOD_Fp6ic2AvhKY-Y6UBNuRO82yfGPyU/view?usp=sharing

राष्ट्रपति कार्यालय के अवर सचिव श्री. पी. सी. मीना ने केंद्र के कानून व न्याय मंत्रालय सचिव श्री. के. जी. रहाटे को 11.10.2022 को भेजा पत्र इस प्रकार है। 

To,

 Shri S.K.G Rahate,

 Secretary, Law & Justice.

 

महोदय/ महोदया
Sir/Madam,

कृपया उपर्युक्त विषय पर भारत के राष्ट्रपति जी को संबोधित स्वतः स्पष्ट याचिका उपयुक्त ध्यानाकर्षण के लिए संलग्न है। याचिका पर की गई कार्रवाई की सूचना सीधे याचिकाकर्ता को दे दी जाये।
Attached please find for appropriate attention an e-mail petition addressed to the President of India which is self explanatory. Action taken on the petition may please be communicated to the petitioner directly.

सादर
Regards

(
पी.सी.मीणा)
(P.C.Meena)

अवर सचिव
Under Secretary
राष्ट्रपति सचिवालय
President's Secretariat
राष्ट्रपति भवननई दिल्ली
Rashtrapati Bhavan, New Delhi

जस्टिस चंद्रचूड़ द्वारा अपने बेटे से सम्बंधित केस में आदेश पारित करने के मामले में आर. के. पठान द्वारा दायर शिकायत की सारे देश में चर्चा होने पर बार के कुछ चापलूस सदस्यों ने आर. के. पठान के खिलाफ बयान जारी कर यह कहा था की मामला ११ महीने पुराना है और जस्टिस चंद्रचूड़ को यह पता नहीं था की इस मामले में उनका बेटा हाई कोर्ट में किसी एक पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहा था। उन सभी लोगों का झूठ खुद जस्टिस चंद्रचूड़ के Vijaykumar Gopichand Ramchandani vs Amar Sadhuram Mulchandani & Ors SLP (Cri.) No. 9092/2022 मामले में एक माह पहले 9 सितंबर और 10 अक्टूबर 2022 के आदेश से साबित हो गया है इसमें भी F.I.R No 806 of 2019 से सम्बंधित मामले में जस्टिस चंद्रचूड़ ने आदेश पारित किये हैं अब यह कोई नहीं कह सकता की जस्टिस चंद्रचूड़ को यह पता नहीं था की यह वही F.I.R है जिसमे उनका बेटा पैरवी कर रहा है। दरअसल पूना में दायर F.I.R No 806 of 2019 और उससे सम्बंधित अन्य F.I.R के सम्बन्ध में आरोपी शीतल तेजवानी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ थे। बॉम्बे हाई कोर्ट का आर्डर: -

Link: https://drive.google.com/file/d/1dm-39Bs_oxCOJ7a8MGo90ZP0y32TSl7W/view?usp=sharing

उसी F.I.R के सम्बंधित मामले में जस्टिस चंद्रचूड़ पर एक तरफ़ा गैरकानूनी आदेश पारित करने का आरोप है [Anita Kishore Chavan vs Vinay Vivek Arhana & Anr SLP (Cri.) No. 9131 of 2021]

शिकायत की मूल प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

राष्ट्रपति कार्यालय से प्राप्त पत्र को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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