देश के स्वास्थमंत्री मनसुख मांडवीया को सुप्रीम कोर्ट के अवमानना की कारवाई का नोटीस।
भ्रष्ट और अपात्र टास्क फोर्स, Public Health Foundation
of India (PHFI), Indian Council of Medical Research (ICMR) भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सदस्यों को तुरंत हटाने की मांग।
अवेकन इंडिया मुव्हमेंट के श्री. अंबर कोरी की ओर से (अधिवक्ता) मंगेश डोंगरे ने भेजा नोटीस।
इसके पहले भी केन्द्रीय संसदीय समिती ने ‘बिल अँड मिलींडा गेट्स फाऊंडेशन', ‘पाथ’ और ICMR के अधिकारियों का व्हॅक्सीन माफिया को हजारो करोड़ का फायदा पहुचाने के लिये किया गया भ्रष्टाचार उजागर कर उनके खिलाफ सीबीआय द्वारा मर्डर और जालसाजी की विभिन्न धाराओं मे कारवाई की सिफारीस की थी। और सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने भी उस रिपोर्ट की वैधता प्रमाणीत करते हुए उस रिपोर्ट को सबूत माना है।
ऐसे अपराधिक और ब्लैक लिस्टेड बिल अँड मिलींडा गेट्स के फाऊडेंशन और अन्य व्हॅक्सीन दवाई कंपनी से फंड प्राप्त कर रहे PHFI और संस्थाओ से जुड़े लोगो को कोरोना टास्क फोर्स से तुरंत हटाने की मांग।
उन अपात्र सदस्यो द्वारा लिये गये व्हॅक्सीन, मास्क, टेस्ट, लॉकडाउन संबंधी सभी गैरकानूनी और बेवकूफाना, बेतुके निर्णय को तुरंत वापीस लेकर उन सदस्यो के खिलाफ F.I.R. दर्ज करने की मांग।
आरोपीत सदस्यो मे के श्रीनाथ रेड्ड़ी, श्री. बलराम भार्गव, श्री. वी. के. पॉल, श्री. गगनदीप कांग, डॉ. रणदीप गुलेरीया, डॉ. विजय राघवन , एन. के. अरोरा आदि नाम।
सुप्रीम कोर्ट के बनाये गये नियमो के मुताबिक जो व्यक्ती या संस्था व्हॅक्सीन कंपनीयो की और से प्राप्त फंड के आधार पर काम कर रही है या उससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से संलग्न है ऐसा व्यक्ति जन स्वास्थ के किसी भी निर्णय प्रक्रिया मे शामिल नही रह सकता। ऐसा कोई भी बोर्ड, टास्क फोर्स 135 करोड़ देशवासीयो को सही दवाई या उपाय नही बता सकती। वो केवल व्हॅक्सीन कंपनीयों को फायदा पहुचाने के लिए ही काम करने की आशंका रहती है। इसलिए ऐसे लोगो को किसी भी निर्णय प्रक्रिया मे शामील नही किया जा सकता।
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट अवमानना मामले मे महाराष्ट्र के कॅबीनेट मिनीस्टर स्वरुप सिंह नाईक और मुख्य सचिव अशोक खोत को एक माह के लिए जेल मे भेजा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चपरासी से प्रधानमंत्री तक सभी को कानून के बनाये गए नियमो के तहत ही काम करना पड़ेगा अन्यथा सभी को कोर्ट अवमानना के तहत सजा दी जायेगी। मंत्री केवल जनता का ट्रस्टी होता है। उसे कोई असीमित अधिकार नही। केवल जनता का हित सोचे।
अपात्र सदस्यो के भ्रष्ट नीतियो और गैरकानूनी सलाह की वजह से व्हॅक्सीन तथा RT-PCR टेस्ट किट कम्पनियो को लाखो करोड़ का मुनाफा और देश को 10 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान।
छोटे बच्चो को जबरन व्हॅक्सीन ग्राहक बनाने के षडयंत्र का पर्दाफाश।
कई नागरिको की हत्या और जनसंहार के लिए जिम्मेदार टास्क फोर्स सदस्य, बिल गेट्स, WHO की डॉ. सौम्य स्वामीनाथन और अन्य को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग।
इसके पहले भी बिल गेट्स द्वारा देश मे लाखो बच्चो को पोलीयो व्हॅक्सीन की खुराके बढ़ाकर अपाहीज बनाना और उनकी मौत के लिए जिम्मेदार पाया गया और भारत मे उनका प्रोग्राम बंद किया गया था। लेकिन वो फिर से देश की स्वास्थ नितीयो मे हस्तक्षेप कर रहे है।
WHO द्वारा व्हॅक्सीन कंपनीयो को लाखो करोड़ का मुनाफा देने के लिए किया गया षडयंत्र उजागर हो चूका है और मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के महासचिव ने उनके खिलाफ कारवाई के लिए लिखित शिकायत देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपती और गृहमंत्री के पास दर्ज की है।
पहले भी WHO द्वारा झूठी महामारी डर फैलाकर दवाई के कंपनीयो को मुनाफा पहुचाने का षडयंत्र की जाँच कर युरोप मे उनके खिलाफ कारवाई हुई थी।
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