केंद्र सरकार के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने दिनांक १७ जुलाई २०२१ के आरटीआई के जवाब में यह स्पष्ट किया था, की वायरस का आकार बेहतरीन क्वालिटी के मास्क (N-95) के रोमछिद्रों के आकार से कई गुना छोटा होता है। मतलब मास्क से वायरस को रोक नहीं सकते।

केंद्र सरकार के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने दिनांक १७ जुलाई २०२१ के आरटीआई के जवाब में यह स्पष्ट किया थाकी वायरस का आकार बेहतरीन क्वालिटी के मास्क (N-95) के रोमछिद्रों के आकार से कई गुना छोटा होता है। मतलब मास्क से वायरस को रोक नहीं सकते।

आयसीएमआर (ICMR) का जबाब :


1. SARS-CoV-2 वायरस गोल आकार का वायरस है जिसका औसत आकार ७०-८० एनएम है।

2. मानक सर्जिकल मास्क और N-95 मास्क का छिद्र आकार क्रमशः ०.३ - १० माइक्रोन और ०.१ - ०.३ माइक्रोन है।

Link: https://bit.ly/3Nhi6KK


1. SARS-CoV-2 virus is round shaped virus with an average size of 70-80 nm.

2. Pore size of standard surgical mask and N95 mask is 0.3 – 10 μm & 0.1 – 0.3 μm respectively.

कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क लगाना मतलब मच्छरों से बचने के लिए स्टील चेन लिंक वाली जाली लगाना है, जिसमें से हजारो मच्छर आसानी से जा सकते है।  वैसेही किसी भी मास्क मे से लाखो वायरस आसानी से जा सकते है। 

वैज्ञानिक शोध से और सरकारने दिए हुये जबाब से यह स्पष्ट हो गया है की मास्क लगाने से कोरोना से कोई बचाव नहीं होता है लेकिन उसे लगाने से आपको कोरोना होने का और आपकी मौत का खतरा अधिक हो जाता है।  सारे सरकारी सबुत एवम शोधपत्रों के आधारपर बनाई गयी पुस्तिका "मास्क पहनना समझदारी या बेवकूफी” को निन्मलिखित लिंक से डाउनलोड करे :

Link: https://drive.google.com/file/d/1JxviwOtpcVMwMOIFjmjck5j3OkLP44kj/view?usp=sharing






Comments

Popular posts from this blog

८० हजार कोटींचा ‘कोरोना व्हॅक्सीन घोटाळा उघड’. लोकांचे जीव धोक्यात घालून त्यांच्या हत्येला व गरीबीला जबाबदार. आरोपी मंत्री व अधिकाऱ्यांना त्वरीत अटक करण्यासाठी न्यायालयात याचिका दाखल.

[महत्वाचे ] लस सक्तीप्रकरणात उच्च न्यायालयात खोटे शपथपत्र दाखल केल्याप्रकरणी महाराष्ट्राचे मुख्य सचिव देबाशिष चक्रबर्ती व आरोग्य विभागाच्या डॉ. साधना तायडे यांच्याविरुद्ध फौजदारी कारवाईची मागणी.

[Important] Justice Chandrachud disqualified for the post of Chief Justice of India. Writ Petition filed in the Supreme Court.