अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति ‘जो बायडेन’ के जबरदस्ती टीकाकरण और टीका न लेने वालों के साथ भेदभाव करनेवाले गैरकानूनी आदेश खारिज.
- भारत के प्रधानमंत्री ने पहले ही स्पष्ट किया है कि टीका न लेने वालों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा.
- फार्मा माफियाओं की उल्टी गिनती शुरू.
- भारत के इमानदार न्यायाधीशों को मिला आधार.
- भारत में भी कई राज्यों ने पारित किये थे ऐसे ही गैरकानूनी आदेश.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा कि टीका न लेने वालों के साथ भेदभाव मंजूर नहीं.
- टीका लेने की वजह से मौत के मामले में बढ़ोतरी. 18 यूरोपीयन देशों द्वारा कोवीशील्ड टीके पर रोक.
वाशिंग्टन:
टीका न लेनेवालों को नौकरी पर आते समय हर हफ्ते RTPCR Test करने
का अमेरीका के राष्ट्रपती जो बायडेन द्वारा दिये गये आदेश को गैरकानूनी बताते हुये
अमेरीका के सुप्रीम कोर्ट ने उसे 13 जनवरी 2022 खारीज कर दिया. अब
अमेरीका में टीका न लेने वालों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नही किया जा सकेगा।
11 जनवरी 2022 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी ओर से एक व्यक्तव्य
जारी कर कहा है कि टीका न लेनेवालों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नही किया जा
सकता क्योंकि टीका लेने के बाद भी कोरोना होता है और टीका लेने वाला भी कोरोना
दूसरों को फैला सकता है ऐसे में टीका न लेनेवालों को निर्बंध लगाना यह आतर्कीक और
गलत है.
Link:-
https://www.youtube.com/watch?v=QYnN9lSxGnM
ऐसे ही निर्णय अपने देश के कई ईमानदार और विद्वान् उच्च
न्यायालय के न्यायधीश दे चुके हैं जिसमे:
1.
Re: Dinthar 2021 SCC OnLine Gau 1313.
2.
Madan Milli 2021 SCC OnLine Gau 1503.
3.
Registrar General Vs. State of Meghalaya 2021 SCC OnLine Megh 130.
4.
Osbert Khaling Vs. State of Manipur and Ors. 2021 SCC OnLine Mani 234.
भारत में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बार-बार कहते आ रहे है की टीका न लेने की वजह से किसी भी व्यक्ति की कोई भी सुविधा
नही रोकी जा सकती और उसके साथ कोई भी भेदभाव नहीं किया जा सकता।
इस बारे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 28 नवंबर 2021 को दाखिल शपथपत्र में यह बात कही है,
और 13 जनवरी 2022 को
भी अपने शपथपत्र में यही बात दोहराई है.
Link:
https://drive.google.com/file/d/16SCktEpV_mgNl42LuJfk864k7S134Dis/view?usp=sharing
भारत में 'आपत्ति निवारण कानून 2005' में Section 38, 39, 75, 76 में स्पष्ट प्रावधान है की राज्य सरकार या जिलाधिकारी या
केन्द्रीय आपत्ती निवारण समिती को केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये नियमों के अधीन
रहकर ही काम करना है. अगर कोई भी अधिकारी, मुख्यमंत्री, मंत्री, जिलाधिकारी, अगर केन्द्र सरकार के नियमों के खिलाफ जाकर कोई गैरकानूनी
निर्बंध लाता है तो उस अधिकारी, मंत्री और उस ऑफिस के सभी कर्मचारीयों के खिलाफ Disaster Management
Act Section 51(b), 55 और IPC Section 166, 188, 120(B), 34,
341, 342, 220, 409 आदी के तहत कठोर
कानूनी करवाई का प्रावधान है.
भारत के कई राज्यों में ऐसे गैरकानूनी प्रतिबंध लगाये गये
हैं और कई आरोपी अधिकारीयों के खिलाफ अवेकन इंडिया मुव्हमेंट,
इंडियन बार असोसिएशन, मानव अधिकार सुरक्षा परिषद, स्वदेशी सेना आदी संगठनों द्वारा कानूनी करवाई की गई है और
की जा रही है.
मुंबई में अवेकन इंडिया मुव्हमेंट के श्री अंबर कोईरी ने 'आपत्ति निवारण कानून 2005' की धारा 60 की प्रक्रिया को पूर्ण कर महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य
सचिव सीताराम कुंटे, मुंबई महापालिका के कमीश्नर इकबाल चहल, सुरेश काकाणी के खिलाफ कोर्ट में IPC
409, 52, 420, 120(B), 34, 52 और Disaster
Management Act, 2005 की धारा 51(b), 55 के तहत केस दायर किया है.
Case No. SS/110/2021 (Ambar Koiri Vs. Shri. Sitaram Kunte & 2 Ors.)
Link:
https://drive.google.com/file/d/1Ab97N9nLLn5GD6NMWIq1AcszPB9Ca3JO/view?usp=sharing
हाल ही में 11 जनवरी 2022 को मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के महासचिव रशीद खान पठान ने
महाराष्ट्र के राज्यपाल से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मंत्री,
अधिकारीयों के खिलाफ IPC 409, 115, 420, 304,
120(B), 52, 34 और Disaster
Management Act, 2005 Section 51(b), 54, 55 के तहत कानूनी करवाई के लिए अनुमती Sanction
for Prosecution प्राप्त किया है.
उस पत्र को निम्नलिखित लिंक से प्राप्त कर सकते हैं.
Link:
https://drive.google.com/file/d/1Dj3rXrx0YrTzBwvzzEr8fLEgzb02tn9h/view?usp=sharing
Bahut badhiya ji lekin Maharashtra ke bhed vaccination ko badhawa de rahe hai main khud phas Gaya koi sun Nahi Raha
ReplyDeleteमैं भारत के विद्वान जजों,अधिवक्ताओं, और उन नेता, मंत्रियों का सम्मान करता हूँ जिन्होंने वैक्सीन, टेस्ट और मास्क को स्वैच्छिक करने के पक्ष में अपना समर्थन दे रहे है। आशा है वे अवश्य ही हमें अपना मौलिक अधिकार दिलाने में सहयोग करेंगे।
ReplyDeleteहार्ट अटेक , पैरालाइस, ब्रेन हैमरेज, इतनि ज्यादा संख्या मे होने शुरु हो चुके है, हमारे आस पास के लोगों मे क्यों , रक्त का थक्का जमना शरीर एक पैर अचानक काम करना बंद हो जा रहा है क्यों , ज्यादातर कोविशिल्ड के शुरुआती डोज, लेने के बाद वाले 55 उम्र मेहनती मजदुर व थोड़ा कमजोर व्यक्ति मे हो रहे है क्यों , क्या कारण हैं , कोई बाताऐ
ReplyDeleteएकदम सही काम आप जैसे सभी सच्चे, देशभक्त की वझह से यह सब क्रांती संभव हो पाई हैं
ReplyDelete... दुर्गेश निंबाळकर, महाराष्ट्र 9405137716
Wisdom सुप्रीम कोर्ट के जजों को धन्यवाद!
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