[बिग ब्रेकिंग] नरेन्द्र मोदी द्वारा वैक्सीन माफियाओ के खिलाफ सख्त कदम।

  •  साजिशकर्ता मुख्य आरोपी बिल गेट्स, ICMR के अधिकारी से लेकर सोशल और मेन स्ट्रीम मिडीया तक हत्याजनसंहार का केस दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर कारवाई के आदेश।
  • मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के महासचिव की शिकायत पर कारवाई के स्वास्थ मंत्रालय को आदेश।
  • झूठी अफवाये फैलाकर दूसरी लहर और अन्य मौको पर लोगो  को डराकर टीका लेने के लिए मजबूर कर लोगो की हत्या के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारी मिडीयाकर्मीयु ट्यूबगुगलफेसबुक आदी  लोगो के खिलाफ होगी कारवाई।
  • सभी आरोपीयो की संपत्ती जप्त कर पिड़ीतों को मुआवजा देने की मानव अधिकारी सुरक्षा परिषद की है मांग।    
  • आठ लड़कियों को वैक्सीन के दुष्परिणामो के मामले में बिल गेट्स सहीत दोषी अधिकारीयो के खिलाफ एफ. आय. आर. दर्ज कर सीबीआय को मामला सौपने की संसदीय समीती की सिफारीश से कई अधिकारी फसे।

नई दिल्ली : टीकाकरण का व्यवसाय बढ़ाने के लिए वैक्सीन माफिया द्वारा स्वास्थ विभाग के अधिकारीयो और मिडीया को साथ लेकर किये गये गैरकानूनी कामो की वजह से आठ बच्चो की हत्या करना और लोगो मे डर का माहौल फैलाकर देश को लाखो करोड का नुकसान पहुचालर टिका कम्पनीयो का फायदा करनेवाले आरोपी और इस साजिश मे उनका साथ देने वाले सभी के खिलाफ सामुहीक हत्याये (Mass Murders), जनसंहार (Genocide), हत्या का प्रयास आदी विभीन्न धाराओ के तहत कानूनी कारवाई के लिए मानव अधिकार सुरक्षा परिषद (Human Rights Security Council) के महासचिव (Secretary General) ने 1 जुलै 2021, 2 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास शिकायत याचिका दर्ज की थी. उसे प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पिटीशन नं. PMOPG/E/2021/208618 पर पंजीबद्ध किया गया था  

उस शिकायत याचिका मे निम्नलिखित मुख्य मांगे थी :-

i) केंद्रीय संसदीय समीती के 72 वी रिपोर्ट मे पाये गये सबूतो के अनुसार गैरकानूनी टीकाकरण कर मासूम गरीब बच्चीयो की हत्या के लिए जिम्मेदार और साजिश मे शामील गुनहगार तथा बदनाम संस्था 'बिल अँड मिलींडा गेट्स फाऊंडेशन' के सदस्य, ICMR और अन्य विभाग अधिकारीयो के खिलाफ तुरंत कानूनी कारवाई

ii) कोरोना काल में साजिश रचकर महामारी के नाम पर भय का माहौल बनाकरलाखों लोगों की हत्या (जनसंहार) के लिए जिम्मेदार बिल गेट्सडॉ. अँथोनी फाऊची, WHO की डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, AIIMS के डॉ. रणदीप गुलेरियायू ट्यूबगूगलफेसबुक के मार्क झुकरबर्गसुन्दर पिचईन्यूज चैनल्स और अन्य फार्मा माफिया और आतंकियों के खिलाफ भारतीय दंडसंहिता (IPC) धारा 115, 109, 302, 307, 304, 419, 420 471, 474, 188, 505, 120(B), 34 और आपत्ती निवारण कानून आदी विभिन्न नियमों के तहत उनके खिलाफ एफ. आय. आर. दर्ज कर सी. बी. आय. को मामले की जाँच के आदेश देना और आरोपियों की नार्को टेस्टब्रेन मैपिंगलाय डिटेक्टर टेस्ट करवाना और आरोपियों की संपत्ती जब्त कर  उसे पीड़ितों में बाटना यह मांगे थी ।

जिसमे कोरोना की दुसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग को जानबूझकर बढ़ा कर देश में अराजकता का माहौल फैलानेवाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नार्को टेस्ट की भी मांग शामील है।  

याचिका में कोरोना के टीके बारे में यह भी मांग की गई थी की;

(i) टीके के बारे में किसी के भी साथ किसी भी प्रकार की जबरदस्ती  की जाए.

(ii) सभी जनता को टीके के जानलेवा दुष्परिणामों के बारे में आगा किया जाए.

(iii) सभी देशवासियों को कोरोना के लिए उपलब्ध अन्य चिकित्सा जैसे आयुर्वेदिकहोमियोपॅथीआयव्हरमेक्टिननॅचरोपॅथी के बारे में जागरूक करना.

(iv) अमेरीकन फ्रंटलाइन डॉक्टर्स (AFLD) द्वारा इस पर दिये गये श्वेत पत्र (White Papers) की सिफारिशों का संज्ञान लेकर उसकी समीक्षा कर उसके बाद ही टीकासंबंधी कोई निर्णय लेना.

याचिका में यह भी कहा गया था कीजिन लोगो के शरीर में कोव्हीड-१९  के विषाणु के संक्रमण या संपर्क में आने की वजह से प्रतिकार क्षमता तयार हो गई है,  उन्हें टीका न दिया जाए क्योकि इससे उस व्यक्ती को कुछ फायदा नहीं होनेवाला बल्की उसकी जान को इससे खतरा हो सकता है। और यह देश के हजारो करोड़ रूपये का नुकसान है।  क्योकी सीरो सर्व्हे के अनुसार देश में करीब 70% लोगो में यह प्रतिकार शक्ती बन चुकी है।

शिकायत याचिका में विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) द्वारा टीका कंपनियां और फार्मा माफियाओ के साथ मिलकर H1N1 स्वाईन फ्लू की महामारी लाने का असफल प्रयास की साजिश उजागर करने वाले युरोपीय संसदीय समिति के  दस्तावेज भी सौपे गये है. जिससे आरोपियों के इरादे और उनकी गलत मंशा साफ उजागर होती है । 

यूट्यूबगुगलफेसबुक और अन्य मिडीयाकर्मी द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत टिके के दुष्परीणामों को छुपानाटीका पूर्णतः सुरक्षित है ऐसा दुष्प्रचार करना और अन्य प्रभावी और दुष्परीणाम रहित इलाज जैसे आयव्हरमिक्टीन, नॅचरोपॅथी, आयुर्वेदिक, होमियोपॅथी इत्यादि को दबाना और उनकी जानकारीया विश्वपसीद्ध डॉक्टर्स के व्हीडीयो मिटा देना (Delete) करनादुसरी लहर मे झूठे फोटो दिखाकर लोगो मे डर फैलाना आदी गुनाहो पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 10 और आय. पी. सी. की धारा 120 (B) के तहत सभी मिडीयाकर्मी भी सामूहीक हत्याये, ननसंहारहत्या का प्रयाससबूत मिटाना आदी गुनाहो की साजिश को पुरा करने मे सहायता देने के लिए पूर्णतः फांसी की सजा के हकदार है। 

शिकायत याचिका में सबूतों के आधारपर यह भी बताया गया है कीकैसे कोरोना की दुसरी लहर के समय रेमडेसीव्हीर और टीके के लिए माहौल बनाने के लिए मिडीया में न्यूज चैनल द्वारा ३ साल पुराने गंगा किनारे दफनाये गए लाशों के फोटो दिखाकर साजिश को अंजाम दिया गया और जैसे ही बीजेपी के प्रवक्ता श्री संबीत पात्रा ने इस 'टूल - किटके बारे में शिकायत की और दिल्ली पुलीस ने जैसे ही जाँच शुरू की तब अचानक ही दूसरी लहर गायब हो गयी। 

शिकायत याचिका की कॉपी को डाउनलोड करे 

प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव द्वारास्वास्थ मंत्रालय के सचिव को दिये गये पत्र की कॉपी डाउनलोड करे.


Comments

  1. याचिका का स्वागत करते हुए इसका समर्थन भी करते हैं।
    प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उक्त याचिका पर किए गए प्रशासनिक , न्यायिक , विधिक आदेशों को भी सर्वसाधारण के सम्मुख साझा किया जाए।

    ReplyDelete
  2. कमसे कम एक बार खूद मोदी जी को टिवी पर आकर इस बारे मे लोगों को बताने की जरूरत है।
    नही तो हम मोदी जी को ही दोषी मानेंगे।

    ReplyDelete
  3. क्या इतने करने मात्र से मोदी खुद दोषमुक्त हो सकते हैं?
    जिसके द्वारा खुद बिलगेट्स क़ो स्वास्थ्य और कृषि मंत्रालय का सलाहकार नियुक्त किया गया है वह क्या यह कर पायेगा?
    ये सब समय बतायेगा।

    ReplyDelete
  4. क्या यह यू टर्न है वो चुनाव को लेकर जनता मै एक दिखावा कर रहे हो जेसे कुछ जानकारी ही नहीं है ऐसे जनता को गुमराह नही कर सकते हो

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

८० हजार कोटींचा ‘कोरोना व्हॅक्सीन घोटाळा उघड’. लोकांचे जीव धोक्यात घालून त्यांच्या हत्येला व गरीबीला जबाबदार. आरोपी मंत्री व अधिकाऱ्यांना त्वरीत अटक करण्यासाठी न्यायालयात याचिका दाखल.

[महत्वाचे ] लस सक्तीप्रकरणात उच्च न्यायालयात खोटे शपथपत्र दाखल केल्याप्रकरणी महाराष्ट्राचे मुख्य सचिव देबाशिष चक्रबर्ती व आरोग्य विभागाच्या डॉ. साधना तायडे यांच्याविरुद्ध फौजदारी कारवाईची मागणी.

[Important] Justice Chandrachud disqualified for the post of Chief Justice of India. Writ Petition filed in the Supreme Court.