जस्टिस चंद्रचूड़ की मुश्किलें फिर बढ़ी। उनकी शपथ रोकने की याचिका पर पुनः सुनवाई की याचिका दायर।
याचिकाकर्ता का कहना है की २ नवंबर २०२२ की सुनवाई और आदेश सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के निर्देशो के खिलाफ है इसलिए उन्हे खारीज कर मामले की पुनः सुनवाई कर फिर से आदेश पारित किये जाए। जस्टिस रविन्द्र भट्ट द्वारा सुनवाई के दौरान उठाये गए आक्षेप गैरकानूनी और और संविधान - पीठ के आदेश के खिलाफ होने का आरोप । चीफ जस्टिस ललीत द्वारा चंद्रचूड की अयोग्यता की केस की सुनवाई लेना भी कानूनन गलत होने का आरोप , क्योंकि खुद जस्टिस ललीत ने ही किया था जस्टिस चंद्रचूड का चयन । याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात वकील आनंद जोंधळे पैरवी करेंगे। उनके साथ में सुप्रीम कोर्ट लॉयर्स ग्रुप के करीब २०० से जयदा वकीलों द्वारा सहयोग करने की जानकारी है। नई दिल्ली :- विशेष संवाददाता - जस्टिस चंद्रचूड के शपथविधि में और एक नई बाधा उत्पन्न हो गई है . इंडियन लॉयर्स अँड ह्यूमन राइट्स आक्टीव्हीस्टस एसोसिएशन की ओर से मूर्सलीन शेख ने पुर्नविचार याचिका दायर कर उनकी रिट पिटीशन की दुबारा सु...